May 14, 2022
महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण - Mahmud Ghaznavi's invasion of India in Hindi


महमूद गजनवी का जीवन परिचय


जन्म

2 नवम्बर 971 (लगभग)

जन्मस्थान

ग़ज़नी, अफगानिस्तान

शासन 

997-1030

राज तिलक

1002

पिता

सेबुक्तिगिन

पूर्वाधिकारी

सुबुक्तिगिन

धर्म

सुन्नी इस्लाम

मृत्यु

30 अप्रैल 1030 (उम्र 59 वर्ष में)

मृत्यु स्थान

ग़ज़नी, अफगानिस्तान


 

महमूद गजनवी के भारत आक्रमण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य


सन 971 ई. में महमूद गजनवी का जन्म यमीनी वंश के तुर्क सरदार एंव गजनी के शासक सुबुक्तगीन घर हुआ था।


गजनवी मात्र 27 वर्ष की आयु में गजनी के सेनाध्यक्ष बन गया था, इसके बाद ये मध्य अफ़ग़ानिस्तान का शासक बना।


भारत पर महमूद गजनवी ने 17 बार आक्रमण किया था, जिनमें से कुछ का विवरण निम्न लिखित है।


प्रथम बार हिन्दूशाही राजवंश के शासक जयपाल के विरुद्ध गजनवी ने सन 1001 ई. में आक्रमण किया था, जिसमें जयपाल पराजित होकर आत्महत्या कर लिया था।


आनंदपाल को सन 1008 ई. में युद्ध में हराया।


सन 1021 ई. में उद्भांडपुर को जीत लिया था।


त्रिलोचनपाल को सन 1013 ई. में युद्ध पराजित किया था।


भटिंडा (पंजाब) के शासक विजयराम को सन 1005 ई. में पराजित किया।


सन 1006 ई. में मुल्तान को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया था।


नारायणपुर (अलवर) के व्यापारिक नगर पर सन 1009 ई. में आक्रमण किया था। 


सन 1014 ई. में थानेश्वर (हरियाणा) पर आक्रमण कर चक्रस्वामी मंदिर को नष्ट और लुट-पाट किया।


सन (1018 ई. -19 ई.) में मथुरा एवं कन्नौज पर आक्रमण किया था।


कन्नौज पर प्रतिहार शासक राज्यपाल का शासन था। महमूद के आक्रमण के समय राज्यपाल भाग गया। सामंत विधाधर (चंदेल शासक) ने राज्यपाल की हत्या कर दी थी।


सन 1021 ई. में कालिंजर पर आक्रमण किया था। कालिंजर का तात्कालिक शासक विधाधर वहाँ से भाग गया था।


महमूद गजनवी पुनः 1023 ई. में कालिंजर पर आक्रमण किया और विधाधर से संधि कर ली थी।


सन 1025 ई. में सोमनाथ पर महमूद गजनवी ने आक्रमण किया तथा यहाँ के लकड़ी के बने मंदिर को जला दिया। इसी मंदिर को बाद में गुजरात के शासक भीम ने पत्थरों और ईंटों से बनाया था।


गजनवी 1027 ई. में अंतिम आक्रमण जाटों पर किया, जो जाटों के विरुद्ध था।


सन 1030 ई. में मलेरिया के कारण महमूद गजनवी की मृत्यु हो गई।


महमूद गजनवी के शासन के अधीन अफगानिस्तान, फारस (ईरान) तथा पंजाब के कुछ क्षेत्र शामिल थे।


गजनवी के शासनकाल में फारसी संस्कृति तथा फारसी भाषा का विकास हुआ।


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महमद गजनवी के 17 आक्रमण


क्षेत्र

शासक

वर्ष

पंजाब का सीमान्त क्षेत्र

जयपाल (हिन्दू शाही)

1000 ई.

पेशावर, वैहिन्द

जयपाल (हिन्दू शाही)

1001 ई.

मुल्तान

दाऊद करमाथी

1005 ई.

भेड़ा

बाजीराय

1006-07 ई.

मुल्तान

सुखपाल

1007-08 ई.

वैहिन्द, पेशावर

आनन्दपाल (हिन्दू शाही) तथा उज्जैन, ग्वालियर, कलिंजर, कन्नौज, दिल्ली, अजमेर की संयुक्त सेना

1008-09 ई.

नारायणपुर

स्थानीय शासक

1009 ई.

मुल्तान

सुखपाल

1010-11 ई.

थानेश्वर

राजाराज

1011-12 ई.

निनदुना

त्रिलोचन पाल

1014 ई.

कश्मीर

संग्राम राज (लोहार वंश)

1015-16 ई.

मथुरा व कन्नौज

राज्यपाल (प्रतिहार)

1018-19 ई.

कलिंजर

गण्ड चन्देल और त्रिलोचनपाल

1019 ई.

कश्मीर

रानी दिद्दा (स्त्री शासक)

1021 ई.

ग्वालियर व कलिंजर

गण्ड चन्देल

1022 ई.

सोमनाथ पर आक्रमण

भीम प्रथम

1025-26 ई.

सिन्ध के जाट

जाट

1027 ई.

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