खोजकर्ता
☛ चार्ल्स मेसन सर्वप्रथम 1826 ई. में अपनी पत्रिका 'Narratives of Journeys' में इस सभ्यता के बारे में जानकारी दिया।
☛ बर्टन बंधु (जेम्स बर्टन और विलियम बर्टन) के ठेकेदारी में सन 1856 ई. में लाहौर मुल्तान के बीच रेल लाइन बिछाई जा रही थी। जब खुदाई का काम हड़प्पा में शुरू हुआ तो वहां मिट्टी में दबी बहुत सी ईंटें मिलीं जो ठेकेदार ने अपने काम में इस्तेमाल कर लीं।
☛ अलेक्जेंडर कनिंघम (1853-1856 ई.) के दौरान इस क्षेत्र में बहुत बार यात्रा किए और इस सभ्यता की जानकारी जुटाने की कोशिश की लेकिन जितनी सफलता मिलनी चाहिए उतनी सफलता इनको नहीं मिल पाई।
☛ सन 1921 ई. में सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में राय बहादुर दयाराम साहनी और राखल दास बनर्जी क्रमशः हड़प्पा और मोहनजोदड़ों में खुदाई करवाई। इस तरह सिंधु सभ्यता के प्रारंभिक खोजकर्ता के रूप में इन लोगों को जाना जाता है।
☛ सर जॉन मार्शल उस समय भारतीय पुरातात्विक विभाग के प्रमुख थे।
काल निर्धारण व विचार
☛ सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में जितने भी जानकारी मिला है वे सारे जानकारी पुरातात्विक स्रोत के आधार पर इकट्ठा किया गया है। इस सभ्यता के बारे में कोई लिखित जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए अलग-अलग खोजकर्ता अलग-अलग काल निर्धारण करते हैं।
☛ सर्वप्रथम जॉन मार्शल के द्वारा सन 1931 ई. में सिन्धु सभ्यता की तिथि (3250 2750 ई. पू.) निर्धारित की गई है।
☛ C14 पद्धति के अनुसार सिन्धु सभ्यता की तिथि (2300-1750 ई.पू.) मानी गयी है। इस तिथि को भारतीय विज्ञान के इतिहासकार डी. पी. अग्रवाल के द्वारा मान्यता दी गई ।
☛ मुख्यत: ( 2500-1750 ई.पू.) को सिन्धु सभ्याता की Standard तिथि मानी जाती है।
नामाकरण
☛ इस सभ्यता के जितने भी प्रारंभिक स्थल थे वह सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के आसपास खोजा गया था, इसलिए इस सभ्यता को सिंधु सभ्यता कहते हैं।
☛ बाद में यह देखा गया कि सरस्वती नदी के किनारे भी इस सभ्यता के बहुत सारे स्थल पाए गए, इसलिए इस सभ्यता को सिंधु-सरस्वती सभ्यता भी कहते हैं।
☛ सर्वप्रथम 1921 ई. में दयाराम साहनी के नेतृत्व में हड़प्पा में खुदाई की गई और इस सभ्यता के बारे में जानकारी प्राप्त की गई, इसलिए इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं।
निर्माता
☛ विदेशी इतिहासकार (सर जॉन मार्शल, हवीलर, गार्डन चाइल्ड इत्यादि) के अनुसार सिंधु सभ्यता के निर्माता सुमेरियन सभ्यता के लोग थे।
☛ राखल दास बनर्जी के अनुसार सिंधु सभ्यता के निर्माता द्रविड़ लोग थे।
विशेषता
☛ नगर के जितनी विशेषताएं होती है वे सारे विशेषताएं सिंधु घाटी सभ्यता में मौजूद था, इसलिए सिंधु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता था।
☛ सिंधु सभ्यता के लोग कांस्य (तीन+तांबा) का प्रयोग करते थे, इसलिए इसे कांस्ययुगीन सभ्यता भी कहते हैं।
☛ सिंधु सभ्यता के लिखित साक्ष्य मौजूद है लेकिन उसको अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है, इसलिए सिंधु सभ्यता को आद्यऐतिहासिक सभ्यता भी कहा जाता है।
☛ इस सभ्यता की खुदाई से कोई भी ऐसा औजार नहीं मिला है जो युद्ध में इस्तेमाल किया जाता है, इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां के लोग बहुत शांति से रहते थे| अतः सिंधु सभ्यता एक शांतिप्रिय सभ्यता था।
☛ सिंधु सभ्यता को एक व्यापार प्रधान सभ्यता के रूप में जाना जाता है।
☛ सिंधु घाटी सभ्यता का क्षेत्र बहुत ही अधिक था इसलिए इसे विस्तृत सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है।
सिन्धु घाटी सभ्याता के अन्य महत्वपूर्ण जानकारी - Indus Valley Civilization Map
☛ हीलीर ने हड़प्पा को सुमेरियन सभ्यता का उपनिवेश कहा था।
☛ जॉन मार्शल ने सबसे पहले "सिन्धु घाटी" शब्द का प्रयोग किया था।
☛ सिंधु सभ्यता की लिपि चित्रात्मक है। यह लिपि दाई से बाईं ओर लिखी जाती है।
☛ सिंधु सभ्यता की मुख्य फसलें गेहूं और जौ थी।
☛ सिंधु घाटी सभ्यता का क्षेत्र त्रिभुजाकार है और यह सभ्यता अफगानिस्तान, पाकिस्तान एंव भारत में फैला हुआ था।
यह भी पढ़ें :
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 1 – प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 2 – प्रागैतिहासिक भारत
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 3 – सिंधु घाटी सभ्यता
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 4 – वैदिक सभ्यता
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 5 – जैन साहित्य
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 6 – बौद्ध साहित्य
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 7 – शैव धर्म और वैष्णव धर्म
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 8 – इस्लाम, ईसाई और पारसी धर्म
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 9 – महाजनपदों का इतिहास
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 10 – मगध जनपद का उत्कर्ष
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 11 – मौर्य वंश के पूर्व विदेशी आक्रमण
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 12 – मौर्य साम्राज्य
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 13 – गुप्त वंश साम्राज्य
सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल - Major sites of Indus Valley Civilization
हड़प्पा
☛ हड़प्पा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मोंटगोमरी जिले में रावी नदी के तट पर स्थित है।
☛ हड़प्पा सभ्यता का विस्तार त्रिभुजाकार था। - इस सभ्यता का नगर नियोजन नगर नियोजन आयताकार रूप में किया गया था।
☛ स्वास्तिक चिन्ह का साक्ष्य हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त आ है।
☛ हड़प्पा सभ्यता में मोहरों का प्रयोग होता था, जिस पर श्रृंगी पशु का चित्र होता था।
☛ हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए है।
मोहनजोदड़ो
☛ मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ 'मुर्दों का टीला' होता है।
☛ नर्तकी की एक 'कांस्य मूर्ति मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुई है।
☛ सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत अन्नागार मोहनजोदड़ो से प्राप्त मोहनजोदड़ो से प्राप्त वृहत स्नानागार एक प्रमुख स्मारक है, जिसके मध्य स्थित स्नानकुंड 11.88 मीटर लंबा, 7.01 मीटर चौड़ा एवं 2.43 मीटर गहरा है।
☛ मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक सील पर तीन मुख वाले देवता (पशुपति) की मूर्ति मिली है, जिसके चारों ओर भैंसा, गैंडा, चीता एवं हाथी विराजमान है।
☛ मोहनजोदड़ो नामक नगर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर लगभग 5 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
कालीबंगा
☛ कालीबंगा का शाब्दिक और "काली रंग की चूड़ियां" होता है। - यह सिंधु नगर राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के किनारे अवस्थित है।
☛ कालीबंगा से अलंकृत ईटों के साक्ष्य प्राप्त हुआ है और यहां के घर कच्ची ईंटों से बना हुआ था।
☛ यहां से अग्निकुंड का अवशेष मिला है।
☛ सर्वप्रथम कपास की खेती के प्रमाण कालीबंगा से हैं प्राप्त हुआ है जिसे यूनानीयों ने सिन्डन कहते थे।
☛ यहां से मिट्टी की मोहरे और मृदभांड का भी साक्ष्य मिला है। - कालीबंगा का प्रमुख पालतू पशु कुत्ता था।
☛ कालीबंगा और मोहनजोदड़ो से प्राप्त कुछ मोहरों पर पशु बलि का प्रमाण मिलता है।
☛ कालीबंगा, लोथल एवं सरकोतदा से सिंधु कालीन घोड़ों के अस्थिपंजर मिले हैं।
☛ कालीबंगा सिंधु सभ्यता का ऐसा स्थल था, जिसका निचला शहर भी किले से घिरा हुआ था।
☛ यहां से समकोण दिशा में जूते हुए खेत के साक्ष्य मिला है।
Important Points - Indus Valley Civilization UPSC
☛ अग्निकुंड का साक्ष्य कालीबंगन और लोथल से प्राप्त हुआ है।
☛ लोथल और रंगपुर से धान की खेती होने का साक्ष्य मिला है।
☛ सिंधु सभ्यता के लोग मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे।
☛ कालीबंगन से जूते हुए खेत एवं नक्काशीदार ईटों के प्रयोग का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
☛ मनके बनाने के कारखाना चन्हूदडो और लोथल से प्राप्त हुआ है।
☛ पिग्गट ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य का जुड़वा राजधानी बताया है।
☛ सिंधु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरा की देवी मानते थे।
☛ सिंधु सभ्यता के लोगों में मातृदेवी की उपासना की सर्वाधिक प्रचलन थी।
☛ कुबड़ वाला सांड सिंधु सभ्यता के लोगों की पूजनीय पशु था।
☛ सिंधु सभ्यता के समाज मातृसत्तात्मक समाज थी।
☛ सिंधु सभ्यता के लोग प्राय: सूती और ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे।
☛ आग में पक्की हुई मिट्टी को टेराकोटा कहा जाता है।
☛ सिंधु सभ्यता में वेश्यावृत्ति और पर्दा प्रथा प्रचलित था।
☛ शवों को जलाने और दफनाने का साक्ष्य सिंधु सभ्यता से प्राप्त हुआ है।
☛ आजादी के बाद गुजरात में हड़प्पा संस्कृति के सर्वाधिक स्थल पाए गए है।
☛ सिंधु सभ्यता का बंदरगाह लोथल था।
☛ मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलूहा शब्द का अभिप्राय सिंधु सभ्यता से ही माना जाता है।
☛ सिंधु सभ्यता से प्राप्त लिपि में 64 मूल चिह्न और 250-400 तक अक्षर हैं।
☛ सिंधु सभ्यता की लिपि में सर्वाधिक प्रचलित पशु चिह्न मछली का है।
☛ सिंधु सभ्यता का विनाश का कारण संभवत: बाढ़ था।
☛ आर. एल. स्टीन, ए. एन. घोष आदि विद्वानों का मत है कि सिंधु सभ्यता का विनाश जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ था ।
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