मौर्य साम्राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न - मौर्य काल
मौर्य साम्राज्य
☞ मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था।
☞ इसके गुरु का नाम चाणक्य था, चाणक्य का वास्तविक नाम विष्णुगुप्त और कौटिल्य था।
☞ चाणक्य अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में राजनीतिक संबंधी बातों का उल्लेख किया गया है।
☞ मौर्य वंश के प्रचलित मुद्रा पण थी ।
☞ चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर ने आक्रमण किया था।
☞ सेल्यूकस निकेटर के राजदूत का नाम मेगस्थनीस था और इस मेगस्थनीस ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी थी। चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानियों का अंत कर दिया था।
☞ सेल्यूकस निकेटर की पुत्री कार्नेलिया के साथ में चंद्रगुप्त मौर्य ने विवाह किया था और इसने भारत के आठ महाजन पदों पर कब्जा किया था ।
☞ चंद्रगुप्त मौर्य अपने जीवन के अंतिम समय में जैन धर्म को स्वीकार किया था।
☞ चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु श्रवणबेलगोला में उपवास के दौरान हो गई थी। इसके बाद मौर्य वंश का अगला शासक बिंदुसार बना।
बिंदुसार
☞ पुराणों में बिंदुसार को अमित्रघात भद्रसार, वारिसार के नाम से जानते हैं।
☞ बिन्दुसार जैन धर्म का अनुयायी था।
☞ बिन्दुसार के शासनकाल में तक्षशिला में विद्रोह हुआ था और बिंदुसार ने अपने पुत्र अशोक को विद्रोह दबाने के लिए भेजा था ।
☞ अशोक ने न केवल विद्रोह को शांत किया था बल्कि वहाँ की प्रजा का प्रेम और विश्वास भी जीत लिया था।
☞ बिंदुसार ने भारत के 10 महाजनपदों पर राज़ किया। इसके बाद अशोक मौर्य वंश का अगला शासक बना।
यह भी पढ़ें :
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 1 – प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 2 – प्रागैतिहासिक भारत
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 3 – सिंधु घाटी सभ्यता
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 4 – वैदिक सभ्यता
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 5 – जैन साहित्य
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 6 – बौद्ध साहित्य
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 7 – शैव धर्म और वैष्णव धर्म
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 8 – इस्लाम, ईसाई और पारसी धर्म
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 9 – महाजनपदों का इतिहास
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 10 – मगध जनपद का उत्कर्ष
☑ प्राचीन भारतीय इतिहास : 11 – मौर्य वंश के पूर्व विदेशी आक्रमण
अशोक
☞ अशोक सबसे सफल शासक था जिसने बहुत सारे जनपदों को जीत लिया था।
☞ अशोक पूरे मौर्य वंश में सबसे महान शासक था। इसके शासनकाल में शिला लेखों का प्रचलन बढ़ा था।
☞ अशोक देवानामप्रिय के नाम से विख्यात था।
☞ इन शिलालेखों की खोज सबसे पहले 1750 ई. में फेंथेलर ने की थी और सबसे पहले 1837 ई. में जेम्स प्रिसेप ने इन शिलालेखों को पढ़ा था ।
☞ प्रारंभ में तो अशोक जैन धर्म का अनुयायी था लेकिन बाद में कलिंग युद्ध में भारी मारकाट के बाद इसने गौतम बुद्ध के शिष्य उपगुप्त से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। इस वंश का अंतिम शासक ब्रहद्रथ था ।
0 Comments:
Post a Comment
कृपया टिप्पणी बॉक्स में कोई स्पैम लिंक दर्ज न करें।