महासागरीय धाराएं - Ocean Currents
☛ एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक विशाल जलराशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा कहते है।
☛ जब जल मन्द गति से विस्तृत क्षेत्र में प्रवाहित होता है तथा उसकी दिशा एवं सीमा निश्चित नहीं होती है तो उसे सागरीय प्रवाह कहते हैं।
☛ समुद्री धाराएं उष्ण या गर्म (warm) अथवा शीतल या ठंडी (cold) दो प्रकार की होती हैं।
☛ गर्म धारा वह होती है जिसके जल का तापमान उसके किनारे के सागरीय जल के तापमान से अधिक होता है। इसके विपरीत ठंडी धारा में जल का तापमान किनारे के सागरीय जल के तापमान से कम होता है।
☛ ठण्डी जलधारा मुख्यतः धुर्वी से भूमध्य रेखा की ओर चलती है व गर्म जलधाराएँ मुख्यतः भूमध्य रेखा से धुर्वो की ओर चलती है
☛ उत्तरी गोलार्द्ध की जलधाराऐं अपनी दायीं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध की जलधाराएँ अपनी बाईं ओर प्रवाहित होती है। यह कारिओलिस बल के प्रभाव से होता है।
महासागरीय धाराओं की उत्पित्त के कारण - Ocean Currents UPSC
☛ प्रथम तो जल में लवण की मात्रा एक स्थान की अपेक्षा दूसरे स्थान पर बदलती है, इसलिए सागरीय जल के घनत्व में भी स्थान के साथ-साथ परिवर्तन आता है। द्रव्यों की प्राकृतिक प्रवृत्ति जिसमें वे अधिक घनत्व वाले क्षेत्र की ओर अग्रसर होते हैं, के कारण धाराएं बनती हैं।
☛ दूसरे कारण में सूर्य की किरणें जल की सतह पर एक समान नहीं पड़तीं। इस कारण जल के तापमान में असमानता आ जाती है। इसके कारण संवहन धारा (कन्वेक्शन करंट) पैदा होते हैं।
☛ तीसरा कारण सागर की सतह के ऊपर बहने वाली तेज हवाएं होती हैं। उनमें भी जल में तरंगें पैदा करने की क्षमता होती है। ये तरंगें पृथ्वी की परिक्रमा से भी बनती हैं। इस घूर्णन के कारण पृथ्वी के उत्तरी हिस्से में घड़ी की दिशा में धाराएं बनती हैं।
अटलांटिक महासागर की जलधाराएँ - Atlantic Ocean Currents Map
गर्म धाराएँ - Hot Currents
☛ उत्तरी विषुवत रेखीय धारा 00 से 100 उत्तरी अक्षांशों के मध्य व्यापारिक पवन से प्रभावित होकर जल पश्चिमी अफ्रीका से दक्षिण अमेरिका के ब्राजील देश के पूर्वी तट तक उत्तरी विषुवत रेखीय जलधारा के नाम से प्रवाहित होती है।
☛ भूमध्य रेखीय जलधारा ब्राजील तट से टकराकर उत्तर में यूकाटन चैनल से मैक्सिको की खाड़ी होते हुए फ्लोरिड़ा जलडमरूमध्य में होकर 300 उत्तरी अक्षांश तक (हैटटस तक) फ्लोरिडा धारा के नाम से प्रवाहित होती है। फ्लोरिडा धारा हैटस अन्तरीप से आगे बहती है तो इसे ग्रांड बैंक तक जल गल्फस्ट्रीम धारा के नाम से जाना जाता है।
☛ उत्तरी अटलांटिक प्रवाह 450 उत्तरी अक्षांश तथा 450 पश्चिमी देशान्तर के पास गल्फस्ट्रीम पछुआ पवनों से प्रभावित होकर वहां से उत्तर-पूर्व में पश्चिमी यूरोप की ओर उत्तरी अटलांटिक प्रवाह के नाम से प्रवाहित होती हैं।
☛ उत्तरी अटलांटिक प्रवाह आगे चलकर कई शाखाओं में विभक्त हो जाती है। नार्वे में जाने वाली नार्वेजियन धारा, आइसलैण्ड के दक्षिण में इरमिगर धारा तथा ग्रीनलैण्ड के पूर्वी भाग में प्रवाहित ग्रीनलैण्ड धारा इसकी उप शाखा है। एक उपशाखा रेनेल धारा के नाम से बिस्के की खाड़ी में चली जाती है।
☛ दक्षिण विषुवत रेखीय जलधारा - 00 से 200 दक्षिणी अक्षांशों के मध्य पश्चिमी अफ्रीका से दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी तट तक प्रवाहित होती है।
☛ प्रति विषुवत रेखीय जलधारा - विषुवत रेखा के समीप पश्चिम से पूर्व में गिनी - तक प्रवाहित धारा जिसे गिनी धारा भी कहते हैं।
☛ ब्राजील धारा- दक्षिण विषुवत रेखीय धारा ब्राजील तट से टकराकर उत्तर से दक्षिण ब्राजील तट के समीप ब्राजील जलधारा के नाम से चलती है।
ठण्डी धाराएँ - Cold Currents
☛ लेब्रेडोर जलधारा - उत्तर में बैफीन की खाडी एवं डेविस जलडमरूमध्य से शुरू होकर न्यूफाउण्डलैण्ड तट के सहारे 450 उत्तरी अक्षांश तक प्रवाहित धारा
☛ ग्रीनलैण्ड जलधारा - ग्रीनलैण्ड के पूर्वी भाग में उत्पन्न होकर उत्तरी अटलांटिक प्रवाह तक प्रवाहित होती है।
☛ कनारी जलधारा - उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे मडेरिया से केपर्थ के मध्य प्रवाहित धारा जिसकी उत्पित्त उत्तरी अटलांटिक धारा के उत्तर से दक्षिण प्रवाह से होती है।
☛ फॉकलैण्ड जलधारा - अर्जेन्टाइना के पूर्वी तटीय क्षेत्र में 300 दक्षिणी अक्षांश तक प्रवाहित होती है।
☛ दक्षिण अटलांटिक जलधारा - ब्राजील गर्म धारा पृथ्वी के विक्षेप बल तथा पछुआ पवन से प्रवाहित होकर पश्चिम से पूर्व, दक्षिण अटलांटिक ठण्डी धारा के नाम से प्रवाहित होती है।
☛ गुंला जलधारा - दक्षिणी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे दक्षिण से उत्तर की ओर दक्षिण अफ्रीका तथा नामीबिया के पश्चिमी तट के समीप प्रवाहित होती है। उत्तरी अटलांटिक महासागर में धाराओं के चारों ओर प्रवाह के कारण 200 से 400 उत्तरी अक्षांश तथा 350 से 750 पश्चिमी देशान्तर के मध्य का जल समुद्र के अतिरिक्त जल से सम्पर्क हट जाने के कारण गतिहीन स्थिति में रहता है।
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☑ भूगोल का परिचय और ब्रह्माण्ड
☑ सौरमंडल
☑ जलमंडल
प्रशान्त महासागर की जलधाराएँ - Pacific Ocean Currents
गर्म धाराएँ - Hot Currents
☛ उत्तरी विषुवत रेखीय जलधारा- मैक्सिको तट से फिलीपाइन्स तट तक चलने वाली इस धारा की उत्पित्त व्यापारिक पवनों द्वारा होती है।
☛ दक्षिणी- विषुवत रेखीय जलधारा - पीरू-इक्वेडोर तट से पापुआ न्यूगिनी तट तक प्रवाहित होती है।
☛ प्रति विषुवत रेखीय जलधारा- न्यू-गायना से पूर्व की ओर प्रवाहित होती है।
☛ क्यूरोशिवो जलधारा - उत्तरी विषुवत रेखीय धारा फिलीपाइन्स तट से टकराकर दक्षिणी ताइवान से 450 उत्तरी अक्षांश तक क्यूरोशिवों गर्म धारा के नाम से प्रवाहित होती है।
☛ उत्तरी प्रशान्त प्रवाह - जापान के हौकर्डा से उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट तक प्रवाहित होती हैं। क्यूरोशिवों का कुछ जल जापान के पश्चिमी तट से जापान सागर में सुशिमा जलधारा के नाम से प्रवाहित होता है।
☛ एल्युशियन धारा (अलास्का धारा) - उत्तरी प्रशान्त प्रवाह पश्चिमी अमेरिका तट से टकराने के बाद एक शाखा उत्तर की ओर अलास्का तट के सहारे प्रवाहित होती है जो अलास्का जलधारा कहलाती है।
☛ पूर्वी आस्ट्रेलिया जलधारा - आस्ट्रेलिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र में उत्तर से दक्षिण में 400 दक्षिणी अक्षांश तक प्रवाहित होती है।
☛ एल निनो जलधारा (विपरीत धारा) - विषुवत रेखीय क्षेत्र में वायु दाब परिवर्तन तथा प्रति विषुवत रेखीय जलधारा से जलाधिक्य के कारण दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट पर 30 उत्तरी अक्षांश से 360 दक्षिण अक्षांश तक प्रवाहित धारा एल निनो जलधारा कहलाती है।
ठण्डी धाराएँ - Cold Currents
☛ क्यूराइल जलधारा (आयोशिवो धारा) - बेरिगं जलडमरूमध्य से बर्फ के पिघलने से प्राप्त ठण्डे जल द्वारा इसका जन्म होता है। दक्षिण में 500 उत्तरी अक्षांश तक बहने के बाद जापान के पूर्वी तट पर क्यूरोशिवो गर्म धारा से मिलती है।
☛ लिफोर्निया जलधारा - उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में उत्तर से दक्षिण प्रवाहित होती है।
☛ पीरू जलधारा ( हम्बोल्ट धारा) - दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट के सहारे दक्षिण से - उत्तर में पीरू एवं चिली के तटीय क्षेत्र में प्रवाहित धारा को पीरू या हम्बोल्ट जलधारा कहते हैं।
☛ दक्षिण प्रशान्तीय पछुआ पवन प्रवाह धारा - 400 से 450 दक्षिणी अक्षांशों के मध्य पछुआ पवनों के साथ पश्चिम से पूर्व में प्रवाहित जलधारा है।
हिन्द महासागर की जलधाराएँ - Indian Ocean currents
उत्तरी हिन्द महासागर की जलधाराएँ - North Indian Ocean currents
☛ दक्षिणी पश्चिमी मानसून जलधारा - ग्रीष्मकाल में सोमालिया तटीय क्षेत्र से भारतीय उपमहाद्वीप एवं सुमात्रा तट तक प्रवाहित जल धारा है।
☛ उत्तरी-पूर्वी मानसूनी जलधारा - शीतकाल में उत्तरी-पूर्वी मानसूनी हवाओं से प्रवाहित - होकर जल भारतीय उपमहाद्वीप तट से सोमालिया के तट तक प्रवाहित जल धारा है।
दक्षिणी हिन्द महासागर की धाराएँ - Southern Indian Ocean currents
☛ दक्षिणी विषुवत रेखीय जलधारा - 100 से 150 दक्षिणी अक्षाशों के मध्य आस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट से अफ्रीका के पूर्वी तट तक प्रवाहित जलधारा जिनकी उत्पित्त व्यापारिक पवनों द्वारा होती है।
☛ मोजाम्बिक जलधारा - दक्षिण विषुवत रेखीय धारा का जल मौजाम्बिक चैनल में उत्तर से दक्षिण में मोजाम्बिक जलधारा के नाम से प्रवाहित होता है। • मालागासी जलधारा मेडागास्कर के पूर्वी तटीय क्षेत्र में प्रवाहित जलधारा है।
☛ अगुलहास जलधारा - मेडागास्कर द्वीप के दक्षिण में 300 दक्षिणी अक्षांश के समीप मोजाम्बिक तथा मालागासी धाराएं मिलकर अगुलहास जलधारा के नाम से प्रवाहित होती हैं।
☛ पछुआ पवन प्रवाह - 400 दक्षिणी अक्षांश में जल पछुआ पवनों से प्रवाहित होता है जिसकी दिशा पश्चिम से पूर्व होती है इसे पछुआ पवन प्रवाह कहते है। यह ठण्डी जलधारा है।
☛ पश्चिमी आस्ट्रेलियन जलधारा - आस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर दक्षिण से उत्तर प्रवाहित ठण्डी जलधारा पश्चिमी आस्ट्रेलियन धारा कहलाती है।
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